उत्तराखंड के चंपावत में ऐतिहासिक मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से अफरा-तफरी का माहौल है। 48 घंटे बाद भी मेले की व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आ पाईं हैं। आस्था के आगे कोरोना से बचाव के नियम भी धरे रह गए हैं। फोर्स की कमी से यातायात व्यवस्था भी बेपटरी है।
पिछले 24 घंटे में 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने देवी मां के दर्शन किए। धाम क्षेत्र में बुधवार को सुबह से जगह-जगह जाम लगा रहा। मुख्य मंदिर में दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा है। मेले की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन एक माह पहले से ही तैयारी में जुट गया था। यात्रियों के लिए कई सुविधाओं के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर भी नियम बनाए गए। लेकिन मंगलवार की रात से अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से सारे नियम धरे के धरे रह गए।
ज्यादातर श्रद्धालु निजी वाहनों से पहुंचे, जिसके चलते बूम, ठुलीगाड़ आदि स्थानों पर रात से ही जाम की स्थिति बनी रही। जिसे जहां जगह मिली वहीं वाहन पार्किंग कर दर्शन के लिए चलते बने।ऐसे में यातायात सुचारु करने में पुलिस को भी काफी पसीना बहाना पड़ा। मेला शुरू हुए 48 घंटे बाद भी ठुलीगाड़ और भैरव मंदिर में स्वास्थ्य विभाग का चिकित्सा कैंप शुरू नहीं हो पाया है। सीएमएस डॉ. एचएस हयांकी का कहना है कि ठुलीगाड़ के लिए चिकित्सा टीम भेज दी गई है, लेकिन दोपहर दो बजे तक भी चिकित्सा टीम नहीं पहुंची थी। उनका कहना है कि भैरव मंदिर में अभी कुछ व्यवस्थाएं होनी बाकी हैं, जिसके बाद ही कैंप शुरू होगा।