भाजपा से बीते तीन दिनों से जारी मंत्रियों-विधायकों का पलायन पूर्व नियोजित था। करीब एक महीना पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा के लिए सत्ता की चाबी साबित हुए गैरयादव ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भगदड़ की पटकथा लिखी थी। यही कारण है कि पार्टी छोड़ने वाले करीब-करीब सभी मंत्री एवं विधायक न सिर्फ गैरयादव ओबीसी वर्ग के हैं, बल्कि इनके इस्तीफे की भाषा भी एक जैसी है।
खास बात यह है कि भाजपा नेतृत्व को इस पलायन की जानकारी थी। बीते महीने इन नेताओं से संपर्क भी साधा गया था। शुरुआती मान मनव्वल के बाद प्रदेश इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व को सब ठीक हो जाने का संदेश दिया। हालांकि शुरुआती बातचीत के बाद इन नेताओं की गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद अब एकाएक इस्तीफों के एलान के कारण पार्टी असहज स्थिति है।
स्वामी ने तैयार की भूमिका