पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर दिल्ली पर दबाव बढ़ने लगा है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब मंत्री सहित पार्टी के अन्य मंच पर यह मांग उठने लगी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 2017 की तर्ज पर 2022 में भी पार्टी को मुख्यमंत्री चेहरे के साथ ही चुनाव लड़ना चाहिए। इसी जद्दोजहद के बीच कांग्रेस शुक्रवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।

पिछले कुछ दिनों के दौरान कांग्रेस पार्टी में विभिन्न स्तरों पर मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किए जाने का मुद्दा उठाया जा रहा है। पार्टी के कुछ मंत्रियों सहित नेता मांग कर रहे हैं कि विपक्ष को इस मुद्दे को उठाने का मौका देने के बजाय, पार्टी स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करे। अभी तक कांग्रेस पार्टी यह बहाना कर रही थी कि आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा के बाद ही पार्टी इस पर विचार करेगी, लेकिन अब आप ने भी अगले हफ्ते मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने का एलान कर दिया है। अब पार्टी आलाकमान पर इसको लेकर दबाव अधिक बढ़ गया है।
पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि 2017 में राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से एक हफ्ते पहले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया था। इसके चुनाव में पार्टी को सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले थे। पार्टी ने 77 सीट हासिल कर पंजाब की सत्ता हासिल की। इस चुनाव में पार्टी ने कैप्टन के जरिये पंजाबी और गैर-पंजाबी का प्रयोग किया था। पार्टी नेताओं का कहना है कि इस बार भी 2017 की तर्ज पर ही चुनाव लड़ा जाए। मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर उठ रही मांग से पार्टी आलाकमान पर अब दबाव धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। हालांकि मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा से पहले पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर प्रत्याशियों की सूची जारी करने को लेकर अधिक दबाव है। आलाकमान इन दिनों पंजाब में प्रत्याशियों की सूची घोषित करने को लेकर मंथन कर रहा है।

दो और नए नाम जुड़े

नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के साथ ही मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कांग्रेस में दो और नए नाम जुड़ गए हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यदि कांग्रेस में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री चेहरा आलाकमान घोषित करता है तो पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और प्रताप बाजवा के नामों को भी ध्यान में रखा जाए। यदि इनकी अनदेखी होती है तो पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।

उपमुख्यमंत्री रंधावा का नया राग

मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नया राग छेड़ दिया है। उनका कहना है कि पार्टी में कभी भी यह परंपरा नहीं रही है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री घोषित किया जाए। हमेशा से ही पार्टी के विधायक ही इस पर फैसला करते रहे हैं। इससे पहले सिद्धू ने कहा था कि मुख्यमंत्री चेहरा आलाकमान नहीं पंजाब के लोग तय करेंगे।

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