निर्जला एकादशी पर हरकी पैड़ी पर स्नान करते श्रद्धालु।
निर्जला एकादशी पर शुक्रवार को गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों पर डुबकी लगाई। निर्जला एकादशी शनिवार शाम 5.45 बजे तक रहेगी। लिहाजा शनिवार को भी स्नान होगा। महीने का दूसरा शनिवार और फिर रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में यात्री हरिद्वार पहुंच गए हैं। सभी होटल और धर्मशालाएं फुल हैं।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन माना गया है। प्राच्य सोसायटी के ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 10 जून शुक्रवार की सुबह 7.25 से शुरू होकर 11 जून को शाम 5.45 बजे तक रहेगी। शुक्रवार को निर्जला एकादशी पर सुबह से गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हरकी पैड़ी, नाई सोता घाट, सुभाष घाट, बिरला घाट, प्रेमनगर घाट और गोविंद घाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। मां गंगा का पूजन कर पितरों को याद किया। ब्राह्मणों को दान दक्षिणा और जरूरतमंदों को खाना खिलाकर पुण्य कमाया।

शनिवार को भी निर्जला एकादशी का स्नान होगा और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की ओर से तैयारियां की गई हैं। हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। भीड़ नियंत्रण के लिए हरकी पैड़ी क्षेत्र को जाने वाली सड़कों और पैदल रास्तों पर बैरियर लगाए गए हैं। पार्किंग से लेकर हाईवे पर यातायात पुलिस की ड्यूटी लगाई है। हाईवे पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई है।

निर्जला एकादशी इसलिए मनाई जा रही दो दिन अलग-अलग पंचांगों के हिसाब से इस साल निर्मला एकादशी की दो तिथि हैं। एकादशी तिथि 10 जून को शुक्रवार की सुबह 7.25 से शुरू हो गई। 11 जून को शाम 5.45 बजे तक रहेगी। तिथि सूर्योदय से पहले लगने पर उदया तिथि कहते हैं। इसी के चलते यह व्रत किया जाता है। जबकि दूसरे पंचांग के हिसाब से सूर्योदय के बाद लगने वाली तिथि अगले दिन ही मानी जाती है। ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक एकादशी 10 जून को सूर्योदय के बाद सुबह 7.25 बजे पर लग रही है, इसलिए इसे उदया तिथि नहीं माना जाएगा। इसलिए एकादशी व्रत उदया तिथि 11 जून को ही उत्तम है। इसी दिन द्वादशी का क्षय और तेरस भी लग रही है। जिससे अति शुभ मुहूर्त भी बन रहा है। पंचांगों में अंतर के कारण निर्जला एकादशी 10 और 11 जून को मनाई जा रही है।

By Tarun

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