श्रीराम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ रहे डॉ. रामविलास वेदांती का सोमवार की दोपहर निधन हो गया था। बुधवार को हिंदू धाम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन उनके उत्तराधिकारी महंत डॉ. राघवेश दास वेदांती के संयोजन में हुआ। श्रद्धांजलि सभा में संत-धर्माचार्यों ने उनसे जुड़ी स्मृतियां ताजा करते हुए कहा कि अयोध्या ने सनातन धर्म का एक अमूल्य प्रहरी खो दिया है।जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा कि डॉ. वेदांती एक अभिभावक की तरह सभी का ध्यान रखते थे। जब-जब राम मंदिर की चर्चा होगी, तब-तब उन्हें याद किया जाएगा। राम मंदिर का सपना साकार हुआ है तो उसके पीछे डॉ. वेदांती जैसे संतों का तप व संघर्ष छिपा हुआ है। महंत मैथिली रमण शरण ने कहा कि डॉ. रामविलास वेदांती सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भगवान श्रीराम और राम मंदिर आंदोलन को समर्पित कर दिया। हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि सरयू तट पर उनकी समाधि और स्मारक बनाया जाना चाहिए, ताकि उनकी स्मृति अक्षुण्ण रहे।

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