मां गंगा को साक्षी मानकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को विश्व को समर्पित कर दिया। सैकड़ों संतों और विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में बाबा का धाम लोकर्पित हुआ। सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी संसदीय अभिभूत नजर आए। जनता के लिए प्रोटोकॉल तक तोड़ डाले।

काशी विश्वनाथ धाम में मजूदूरों के बीच पहुंचे तो वहीं सड़क पर एक बुजुर्ग के हाथों पगड़ी भी स्वीकार की। पीएम का काफिला वाराणसी की सड़कों  से गुजरा तो हर तरफ भीड़ उनकी एक झलक पाने के लिए आतुर नजर आई। इस दौरान भीड़ से एक बुजुर्ग पीएम के पास आने लगे तो एसपीजी ने उन्हें धक्का देकर पीछे कर दिया।

बुजुर्ग के हाथों में एक पगड़ी और गमछा था। वह पीएम को पहनाना चाहते थे। पीएम की नजर पड़ी तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को इशारा करके रोका और बुजुर्ग को आने का इशारा किया। कार का दरवाजा खोला और बुजुर्ग के हाथों से पगड़ी पहनी। पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया और मुस्कुराए। वहीं काशी विश्वनाथ धाम को लोकार्पित करने के बाद पीएम मोदी उन मजदूरों के पास पहुंचे जिन्होंने धाम को बनाया है।

पीएम मोदी ने कुर्सी हटवाई
इस दौरान पीएम मोदी अपने लिए कुर्सी भी हटवा दी। मजदूरों को पास की जगह खाली होने का इशारा कर अपने पास बुला और उनके साथ फोटो खिंचवाई। इस दौरान मजदूरों के चेहर खिल उठे। सभी ने  हर-हर महादेव के नारे लगाए और पीएम के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की।

काशी विश्वनाथ धाम में 27 मंदिरों को विग्रह सहित स्थापित किया गया है। मंदिर को बड़े ही भव्य और आकर्षक तरीके से बनाया गया है। करीब दो साल में बनकर तैयार इस मंदिर के निर्माण में अलग अलग राज्यों के कुल 2300 मजदूरों ने काम किया।

 

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