राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि संघ कोई सैन्य संगठन नहीं है बल्कि यह पारिवारिक माहौल वाला एक समूह है। उन्होंने यह बात ग्वालियर में हुए संघ के मध्य भारत प्रांत के चार दिवसीय ‘घोष शिविर’ के समापन समारोह में कही।
उन्होंने कहा, ‘संघ कोई अखिल भारतीय संगीत विद्यालय नहीं है। मार्शल आर्ट्स के कार्यक्रम इसमें जरूर होते हैं, लेकिन संघ न तो अखिल भारतीय जिम है और न ही मार्शल आर्ट्स क्लब। कई बार संघ को पैरामिलिट्री जैसा दिखाया जा है लेकिन यह कोई सैन्य संगठन नहीं है।’
भारत में संगीत आत्मिक शांति के लिए है: भागवत
भागवत ने कहा कि पश्चिमी देश संगीत को मनोरंजन के तौर पर लेते हैं। वहां यह रोमांच के लिए बजाया जाता है। लेकिन भारत में, संगीत आत्मिक शांति के लिए है। यह एक कला है जो व्यक्ति के मन को शांत करती है। मोहन भागवत ग्वालियर में शुक्रवार की रात को पहुंचे थे।
500 से भी अधिक वादकों ने लिया शिविर में हिस्सा
गुरुवार को शुरू गुए इस शिविर घोष का समापन ग्वालियर में शिवपुरी लिंक रोड पर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ। जानकारी के अनुसार संघ के मध्यप्रदेश भारत प्रांत के 31 जिलों (ग्वालियर और भोपाल समेत) के 500 से अधिक वाद्य यंत्र वादकों ने इसमें हिस्सा लिया था।