अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर धर्मनगरी हरिद्वार में निकाली श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की पेशवाई में शामिल महिला महामंडलेश्वरों ने चार चांद लगा दिए। महिला महामंडलेश्वर रथों पर सवार होकर शाही अंदाज में शामिल रहीं। पेशवाई में उनके शिष्य भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई संदेशों के बोर्ड लेकर चलते नजर आए। महिला संतों ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण का संदेश भी दिया।कनखल के दक्षश्वेर महादेव मंदिर के प्रांगण से सोमवार को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने पेशवाई निकाली थी। इसमें संत-महंतों के साथ महिला महामंडलेश्वरों ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया।पेशवाई में भी महिला दिवस की छाप रही। कई महिलाएं महिला दिवस के संदेश लिखे साइन बोर्ड लेकर चल रही थीं। कई वाहनों पर महिला दिवस की शुभकामना संदेश लिखे बोर्ड भी लगे थे।
धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ में महिला संतों की मौजूदगी देख दर्शन के लिए जबर्दस्त उत्साह रहा। कनखल की प्रेरणा ने बताया कि महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। चाहे वह धर्म का क्षेत्र ही क्यों न हो।महिला दिवस पर महिला संतों को देखने के लिए भीड़ उमड़ी रही। पेशवाई देखने आई जगजीतपुर की बबीता ने बताया कि आज पूूरा विश्व महिला दिवस मना रहा है। धर्म के महापर्व में निकली पेशवाई में महिलाओं को भी धर्म के उच्च पदों पर आसीन देखकर महिला का सम्मान बढ़ रहा है। महिला दिवस पर महिलाओं को सम्मान के साथ पेशवाई में शामिल होने से समाज में अच्छा संदेश गया है। पेशवाई में महामंडलेश्वर संतोषी पुरी (गीता भारती), महामंडलेश्वर स्वामी शारदा गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी राधिका, महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरी, महामंडलेश्वर सुमन भारती आदि महामंडलेश्वर शामिल रहीं। रथों पर सवार इन महामंडलेश्वरों के आसपास भी महिला अनुयायी खड़ी रहीं। पेशवाई में उत्तराखंडी लोक नृत्य और गीतों की झांकी को शामिल किया। पेशवाई के दौरान कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनसारी गीतों पर कलकारों की नृत्य प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पहले जूना और अग्नि अखाड़ा की पेशवाई में किन्नर पहली बार हरिद्वार कुंभ में शामिल हुए थे। कुंभनगरी के लोगों के जेहन में किन्नरों ने अमिट छाप छोड़ दी। किन्नरों को देखने के लिए सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। किन्नरों का राजशाही वैभव और श्रृंगार देखकर हर कोई हैरान रहा।