प्रयागराज, जेएनएन। अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर व श्री निरंजनी अखाड़ा के भावी आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद का वीडियो पिछले गई दिनों से इंटरनेट मीडिया में घूम रहा है। उसमें कैलाशानंद एक महिला के साथ रंग खेलते व अलग-अलग महिलाओं को आशीर्वाद देते दिख रहे हैं। इसे लेकर विवाद शुरू हो गया। इस पर निरंजनी अखाड़ा के सचिव व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कैलाशानंद के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया।

महंत नरेंद्र गिरि बोले-कैलाशानंद सच्‍चे संत हैं

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कैलाशानंद सच्चे संत हैं, उनकी निष्ठा, तपस्या, विद्वता व धर्म के प्रति समर्पण पर किसी को संदेह नहीं है। तय कार्यक्रम के अनुसार निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक किया जाएगा।महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि कैलाशानंद वीडियो में जिस महिला के साथ दिख रहे हैं, वह उनकी धर्म पुत्री है। जैसे पिता अपनी बेटी, भाई अपनी बहन के साथ होली पर रंग खेलता है वैसे ही कैलाशानंद खेल रहे हैं। इसमें गलत क्या है? बोले, जिसकी गलत मंशा होती है वह उसी के अनुरूप सब कुछ देखता है। हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता                                    परी अखाड़ा की पीठाधीश्वर साध्वी त्रिकाल भवंता ने यह कहा         

वहीं, परी अखाड़ा की पीठाधीश्वर साध्वी त्रिकाल भवंता का कहना है कि नरेंद्र गिरि असली-नकली अखाड़ा के जंजाल में उलझे हैं। नियम, नैतिकता व परंपरा की दुहाई दूसरों को देकर खुद को सच्चा धर्माचार्य साबित करने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन उसे खुद पर लागू नहीं करते। नरेंद्र गिरि स्वयं अनैतिक कार्य में लिप्त हैं। उन्हीं के चलते प्रज्ञानंद की जगह कैलाशानंद को निरंजनी अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है। यह सनातन धर्म की परंपरा व नियम के विरुद्ध है। कहा कि क्या आदि शंकराचार्य ने किसी रंगमिजाज व्यक्ति को आचार्य महामंडलेश्वर पद पर आसीन करने का नियम बनाया है? उसे नरेंद्र गिरि को यह साबित करना होगा।

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