कुंभ के आगे बढ़ने को लेकर हो रहे विवाद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने इस मुहिम को औचित्यहीन करार दिया है.उनके अनुसार कुंभ तय समय पर ही होगा.

उत्तराखंड के हरिद्वार में होने वाले कुंभ 2021 को लेकर अब संत समाज में मतभेद सामने आए हैं. संतों की संस्था अखिल भारतीय दशनाम संन्यासी परम आदर्श आचार्य महामंडलेश्वर समिति ने 2021 में होने वाले कुंभ को टालने की बात की है. समिति का कहना है कि कोरोना के चलते यह कुंभ अब वर्ष 2022 में होनो चाहिए. इसके अलावा समिति ने देशभर के सभी प्रमुख संत और सरकार को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया है. कुंभ 2022 को लेकर इसके लिए मुहिम भी शुरू की गई है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरी ने इस मुहिम को औचित्यहीन करार दिया है.

अखिल भारतीय दशनाम संन्यासी परम आदर्श आचार्य महामंडलेश्वर समिति के उपाध्यक्ष स्वामी महेश्वरानंद पुरी की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि हरिद्वार में कुंभ की तैयारियां शुरू हो गई हैं लेकिन इस बार विधाता ने प्रयास को विफल कर दिया है. कोरोनावायरस के चलते सभी प्रकार तैयारियों पर रोक लग गई है. इसके चलते 2021 में होने वाले कुंभ पर्व का आयोजन अकल्पनीय है. केंद्र और राज्य सरकार, सभी अखाड़ा, धार्मिक-सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों का कर्तव्य है कि सभी सर्वसम्मति से 2022 में कुंभ पर्व को मनाने का निश्चय करें.

समिति के उपाध्यक्ष स्वामी महेश्वरानंद पुरी ने दिप्रिंट हिंदी से कह, हमने केवल एक प्रस्ताव दिया है. इस पर विचार मंथन होना चाहिए. अभी जो हालत है वह जल्दी सुधरने वाले नहीं है. काम जिस गति से होगा वह समय से पूरा हो जाए यह भी अभी तय नहीं है. कुंभ में करोड़ों का खर्चों आता है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु दान-पुण्य करते हैं. लाखों लोगों के भंडारे होते हैं. लेकिन ऐसे में कौन रुपए देने के लिए तैयार होगा. अगर सरकार को समय मिलेगा तो वह अपना पूरा काम कर सकेगी. वास्तिवक धरातल पर अभी कुछ भी संभव नहीं है.

दिप्रिंट हिंदी से चर्चा में श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा, ‘कुंभ के आयोजन का एक पौराणिक गणित है. उसके हिसाब से ही कुंभ 2021 में होगा. अभी बहुत समय है. इसकी तैयारी में सभी लोग लगे हुए हैं. सरकार समय तक तैयारी कर लेगी. हम जल्द ही प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक करेंगे. इसमें हरिद्वार महाकुंभ के संदर्भ में कई फैसले भी लेंगे. अभी समय है अगर कोरोना का खतरा आगे भी रहता है तो महाकुंभ का स्वरूप बदल सकता है.’

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने दिप्रिंट हिंदी से कहा, ‘अभी फिलहाल थोड़ी कठिन चुनौती है. कुंभ की तैयारी तेजी से चल रही है. अभी आगे के काम के लिए बैठकों का दौर जारी है.’

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